बुलंद इरादे लिए बढ़ते चले गए, तोप के मुंह बाँधें वो उड़ते चले गए । फांसी फंदा गले में चढ़ते चल... बुलंद इरादे लिए बढ़ते चले गए, तोप के मुंह बाँधें वो उड़ते चले गए । फांसी फ...
घात लगाकर दे गए, आतंकी आघात। एक वर्ष अब बीतता,ह्रदय व्यथित दिन रात। घात लगाकर दे गए, आतंकी आघात। एक वर्ष अब बीतता,ह्रदय व्यथित दिन रात।
जब पैदा हुआ था बेटा । तबसे पिता को था गुमान जब पैदा हुआ था बेटा । तबसे पिता को था गुमान
क्यों इतना दर्द ? क्यों इतना गुस्सा ? एक हैं, एक हैं, एक ही रहेंगे हमेशा। क्यों इतना दर्द ? क्यों इतना गुस्सा ? एक हैं, एक हैं, एक ही रहेंगे हमेशा।
बहादुरों की कमी नहीं थी हमारे यहाँ बहादुरों की कमी नहीं थी हमारे यहाँ
आज 23 मार्च है मैं कर रहा हूँ, दोस्तों शहीदों की बात है आज 23 मार्च है मैं कर रहा हूँ, दोस्तों शहीदों की बात है